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बुधवार, नवंबर 25, 2015

पंजाबी से अनुवादित कहानियों का गुलदस्ता

पुस्तक - पंजाबी की श्रेष्ठ कहानियाँ
संपादिका - विजय चौहान 
प्रकाशक - राजपाल, दिल्ली 
पृष्ठ - 136
कीमत -  95/ - ( पेपरबैक )
" पंजाबी की श्रेष्ठ कहानियाँ " विजय चौहान द्वारा संपादित कहानी संग्रह है । इसमें पंजाबी के प्रमुख अठारह कहानीकारों की एक-एक कहानी संकलित है । ये कहानीकार पंजाबी कहानी के प्रथम दौर से तीसरे दौर के हैं । अलग-अलग दौर के कहानीकार होने के कारण विषय और शिल्प की दृष्टि से इस संग्रह में पर्याप्त विविधता है । सभी कहानीकारों ने अपने नजरिये से पंजाब को देखा है और इस प्रकार पाठक के समक्ष कई दृष्टिकोण उभरकर आते हैं । समाज की दशा, बदलते दौर के प्रभाव, साहित्यकारों की व्यथा और दशा, लोगों की सनक, प्रेम आदि विषयों को लेकर इन कहानियों का ताना-बाना बुना गया है ।

मंगलवार, नवंबर 17, 2015

बाल साहित्य को समृद्ध करता कविता-संग्रह

कविता संग्रह - दादी ने पूछा लड्डू से
कवि - डॉ. मेजर शक्तिराज
पृष्ठ - 80
कीमत - ₹ 200/
प्रकाशन - अमृत बुक्स, कैथल ।
बाल साहित्य हालांकि साहित्य का ही एक रूप है लेकिन यह सामान्य साहित्य से कुछ हटकर होता है । सामान्य साहित्य में साहित्यकार अपनी बात कहते समय सिर्फ़ ख़ुद में मग्न होता है, सामने वाला उसके ध्यान में नहीं होता । पाठक के अनुसार भाषा, भाव चुनने की कोई बाध्यता उसे नहीं होती लेकिन बाल साहित्य लिखते समय यह बाध्यता रहती है । बाल साहित्य लिखते समय अगर बच्चों की वय, रूचि का ध्यान नहीं रखा गया तो ऐसे बाल साहित्य की सफलता संदिग्ध हो जाती है । यानी बाल साहित्य लिखते समय साहित्यकार को अपने स्तर पर रहकर नहीं अपितु बालकों के स्तर पर उतरकर लिखना होता है क्योंकि तभी बालक समझ पाएंगे अन्यथा विद्वता भरी बातें बालकों के सिर से ऊपर निकल जाएँगी । 

रविवार, नवंबर 08, 2015

रचनाधर्मिता का अलग नजरिया - नरेंद्रकुमार गौड़

युवा रचनाकार दिलबाग सिंह विर्क अनेक साहित्यिक विधाओं के सक्रिय साहित्यकार हैं किन्तु कविता के माध्यम से अपनी बात सशक्त ढंग से कहने में इन्हें महारत हासिल है | समीक्ष्य कृति '  महाभारत जारी है ' से पहले भी इनके पांच कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं | हिंदी साहित्य जगत में सबसे अधिक कविता संग्रह ही प्रकाशित हो रहे हैं किन्तु ऐसा बहुत ही कम होता है कि कोई कविता संग्रह पढकर पाठक को महसूस हो कि हाँ मैंने कुछ पढ़ा है | दिलबाग सिंह विर्क के इस कविता संग्रह को पढ़कर ऐसा ही महसूस होगा कि हाँ मैंने कुछ पढ़ा है | पाठक के मन-मस्तिष्क को भरपूर पौष्टिक खुराक देने वाली कविताओं का संकलन है ' महाभारत जारी है ' | 

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