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शनिवार, फ़रवरी 28, 2015

ज्ञानपीठ पुरस्कार

ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत 1965 में हुई । 1968 में हिंदी के लिए पहला ज्ञानपीठ (सुमित्रानन्दन पंत की कृति चिदम्बरा को ) मिला । शुरुआत में यह पुरस्कार कृति को दिया जाता था लेकिन 1982 में कृति के लिए अंतिम ज्ञानपीठ ( महादेवी वर्मा की कृति यामा को ) दिया गया । इसके बाद यह कृति विशेष की बजाए साहित्यकार को दिया जाने लगा । 

हिंदी की झोली में आए ज्ञानपीठ पुरस्कार -

अब तक हिंदी के दस साहित्यकार साहित्य के इस सर्वोच्च सम्मान को प्राप्त कर चुके हैं ।  इनके नाम इस प्रकार हैं -
1968 - चिदम्बरा ( सुमित्रानन्दन पंत )
1972 - उर्वशी ( रामधारी सिंह दिनकर )
1978 - कितनी नावों में कितनी बार ( अज्ञेय )
1982 - यामा ( महादेवी वर्मा )
1992 - नरेश मेहता
1999 - निर्मल वर्मा 
2005 - कुँवर नारायण
2009 - अमरकांत और श्रीलाल शुक्ल
2013 - केदारनाथ सिंह
2017 - कृष्णा सोबती 
                                  विकिपिडिया  )

                    दिलबाग विर्क 
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4 टिप्‍पणियां:

Asha Lata Saxena ने कहा…

दिलबाग जी बढ़िया जानकारी दी है आपने |

बेनामी ने कहा…

ज्ञानपीठ पुरस्‍कार पर बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बढ़िया जानकारी

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

अच्छी जानकारी !

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